रक्तज अर्श (बवासीर) की वर्धमान अवस्था मे बहुत ही उपयोगी, इसके कल्क को लेने से मांसाकुर सुख कर रक्तज अर्श को समाप्त कर देते हैं ।
2.
दोनों सूक्ष्मनलिकाएं यहां स्थित मांस के एक छोटे-से लाल उभार (इस उभार को मांसाकुर (caruncle) कहते हैं) के एक ऊपर और एक नीचे से जाती है और ‘ अश्रुकोष ' (lacrimal sac) में प्रवेश कर जाती हैं।