| 1. | मिलि नहीं जो मुझे, तलाश कर'ता रहा उस'कि
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| 2. | तेरह लाख सँडीले आए, सब साधुन मिलि गटके।
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| 3. | सूरज को प्रतिबिंब जाहि मिलि जाल तनावत ।
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| 4. | मैं मिलि जाय, पाय पिय अपना,
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| 5. | मिलि उत्तोर दिलो थिक अछे कल देखा होबे।
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| 6. | अन्धे मिलि हाथ छूआ, अपने अपने ज्ञान।
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| 7. | मागध बंदी सूत चिरैयन मिलि कलरोर मचायो ।।
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| 8. | घन संग खारौ उदधि मिलि बरसै मीठो तोय॥
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| 9. | मिलि उत्तोरे बोले अगेर तर मोतो ना तो।
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| 10. | बिनवन्ति नानक दरस पिआसे मिलि दरसन सुखु सारा।
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