| 1. | चौधरी-' तो कल मुँह-अँधेरे चल दें।
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| 2. | स्त्री-‘ तो अब मैं मुँह-अँधेरे उठूँगी।
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| 3. | दूसरे दिन दोनों मित्र मुँह-अँधेरे निकल खड़े होते।
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| 4. | कहाँ तो मुँह-अँधेरे उठते थे और चार मील का
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| 5. | मुँह-अँधेरे ही घर से चल पड़ा था।
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| 6. | रिश्तेदार मुँह-अँधेरे ही घरों से चल पड़े।
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| 7. | चौधरी-‘तो कल मुँह-अँधेरे चल दें।
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| 8. | सबेरे मुँह-अँधेरे आँख खुलती है तो पलँगड़ी सूनी, मसहरी खाली।
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| 9. | मुँह-अँधेरे बुलाकी उठी तो कटिया का ढेर देख कर दंग रह गयी।
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| 10. | सुबह मुँह-अँधेरे उठकर स्कूल जाने के समय से ही दोनों भाई-बहन कुनमुना रहे थे।
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