मुंडकोपनिषद् वाक्य
उच्चारण: [ munedkopenised ]
"मुंडकोपनिषद्" का अर्थउदाहरण वाक्य
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- मुंडकोपनिषद् इन्हीं शौनक के मूलभूत प्रश्न से शुरू होती है।
- मुंडकोपनिषद् दो-दो खंडों के तीन मुंडकों में, अथर्ववेद के मंत्रभाग के अंतर्गत आता है।
- मुंडकोपनिषद् दो-दो खंडों के तीन मुंडकों में, अथर्ववेद के मंत्रभाग के अंतर्गत आता है।
- कठोपनिषद्, मुंडकोपनिषद्, ईशोपनिषद् के वाक्यों तथा अनेक वेद मंत्रों से ईश्वर का निराकार होना स्पष्ट रूप से प्रकट होता है।
- फलक के नीचे मुंडकोपनिषद् का सूत्र ' सत्यमेव जयते ' देवनागरी लिपि में अंकित है, जिसका अर्थ है-'सत्य की ही विजय होती है' ।
- ' सत्यमेव जयते '-प्राचीन भारतीय साहित्य में मुंडकोपनिषद् से लिया गया यह सूत्र वाक्य आज भी मानव जगत की सीमा निर्धारित करता है ।
- मुंडकोपनिषद् में बृहद्रथ पूछता है, ” इस दुर्गन्धपूर्ण और जो मल-मूत्र, वायु, पित्त, कफ का एक ढेर मात्र है, और जो अपने ही अस्थि, चर्म, स्नायु, मज्जा, मांस, वीर्य, रक्त, श्लेष्म और अश्रु से नष्ट हो जाता है, उस सारहीन शरीर को अभिलाषाओं की पूर्ति से क्या लाभ है?
- सब कुछ नहीं जाना जा सकता। जीवन की सीमा है, सृष्टि अनंत है, लेकिन जानने का अपना रस है। ज्ञान रसिक अथक जुटे रहते हैं। अकथ का पता तो भी नहीं चलता। पुराणों में शौनक का नाम बहुत आया है। पुराणों में शौनक प्रश्न करते हैं, सूत जी बोलते हैं। शौनक शानदार प्रश्नकर्त्ता हैं। मुंडकोपनिषद् इन्हीं शौनक के मूलभूत प्रश्न से शुरू होती
मुंडकोपनिषद् sentences in Hindi. What are the example sentences for मुंडकोपनिषद्? मुंडकोपनिषद् English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.