जाहिर है ये तमाम अर्थ मुष्क: के यानी कस्तूरी गंध की विशेषताओं की ओर इगित करते हैं।
4.
जाहिर है ये तमाम अर्थ मुष्क: के यानी कस्तूरी गंध की विशेषताओं की ओर इगित करते हैं।
5.
गौरतलब है कि हिरण की ग्रंथि का स्राव होने से मुष्क: चिपचिपे और काले रंग के पदार्थ के रूप में मिलता है।
6.
गौरतलब है कि हिरण की ग्रंथि का स्राव होने से मुष्क: चिपचिपे और काले रंग के पदार्थ के रूप में मिलता है।
7.
इस संरक्षित क्षेत्र में बाघ, चीते, बादलों के रंगवाले चीते, जंगली बिल्लियां, जंगली कुत्ते, सियार, भारतीय लोमड़ियां, हिमालयी काले भालू, हाथी, गौर, बिटूरोंग, सांभर, पांडा, बाकिर्गं डीयर, स्लो लोरिस, पीले गले वाले अबाबील, मलयालन बड़ी गिलहरी, उड़ने वाली गिलहरी, गिलहरी, मुष्क बिलाव, लंगूर, रियसस मैकेक, असमी मैकेक आदि जानवर पाये जाते हैं.
8.
अब अगर तुम इन बयानात पर दिल की निगाहों से नज़र डालोगे तो तुम्हारा नफ़्स दुनिया की तमाम “ ाहवतों, लज़्ज़तों और ज़ीनतों से बेज़ार हो जाएगा और तुम्हारी फ़िक्र उन दरख़्तों के पत्तों की खड़खड़ाहट में गुम हो जाएगी जिनकी जड़ें साहिले दरिया पर मुष्क के टीलों में डूबी हुई होती हैं और उन तरो ताज़ा मोतियों के गुच्छों के लटकने और सब्ज़ पत्तियों के ग़िलाफ़ों में मुख़्तलिफ़ क़िस्म के फलों के निकलने के नज़ारों में गुम हो जाएगी जिन्हें बग़ैर किसी ज़हमत के हासिल किया जा सकता है।