मूत्रोत्सर्ग के समय सूक्ष्म वीर्य स्त्राव होने की संभावना रहती है.
2.
मूत्रोत्सर्ग के समय सूक्ष्म वीर्य स्त्राव होने की संभावना रहती है.
3.
भगवान शंकर की मायाशक्ति के प्रभाव से उसे रास्ते में जाते हुए मूत्रोत्सर्ग (पेशाब करने) की प्रबल इच्छा हुई।
4.
इन मांसपेशियों की मूत्रोत्सर्ग में तब सहभागिता रहती है जब आप पेशाब करते वक्त बीच में अपने से पेशाब रोकना चाहते हैं तब आप इनका प्रयोग करते हैं.
5.
वैसे जब बलपूर्वक कोई निकलते हुये शुक्र या वीर्य को रोकता है तब वीर्य कण सूखकर मूत्रमार्ग में अड़ जाते हैं इस कारण मूत्रोत्सर्ग के समय अत्यधिक कष्टप्रद वेदना होती है।
6.
हाल ही में अफगानिस्तान में एक अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर पवित्र कुरान को जलाने और अमेरिकी सैनिकों के तालिबानी लड़ाकों के शवों पर मूत्रोत्सर्ग की घटनाओं के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में पहले ही खटास आ गई थी।