आधुनिकता का अर्थ अज्ञेय के लिए सिर्फ सामाजिक रूप से मूल्यनिरपेक्ष हो जाना नहीं है, बल्कि उनका मानना है कि उन मूल्यों के प्रति सजग होने की हमारी ज़िम्मेदारी बढ़ जाती है, लगातार उनका परीक्षण करते रहना हमारा कर्तव्य हो जाता है, उनका आशय मूल्यों के प्रति नैरंतर प्रवाह को ही आधुनिकता मानने से है.