उदविकास के दौरान कशेरुकी मेरु-रज्जु और मस्तिष्क, यानि केंन्द्रीय तंत्रिका-तंत्र का विकास कर लेते हैं।
2.
क्रिप्टोकॉकलतानिकाशोथ मेनिनजाइटिस तानिकामेनिन्क्समस्तिष्क और मेरु-रज्जु को ढकने वाली झिल्ली का क्रिप्टोकॉकस निओफॉर्मैन्स कवक द्वारा संक्रमण है।
3.
मस्तिष्क या मेरू-रज्जु के रोगों जैसे, स्ट्रोक, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, मेरु-रज्जु की चोटों से उत्पन्न स्पास्टिक मस्कुलार पैरेसिस (पैरा-/टेट्राप्लीजिया) का सहायक उपचार.
4.
इस प्रकार हमारी स्नायु प्रणाली के समानान्तर, खास तौर पर मस्तिष्क एवं मेरु-रज्जु के आस-पास, अंतःझिल्लियों का सहज स्पन्दन फिर से शुरु हो जाता है.
5.
कि जिंदगी की निर्लज्ज हवस मे हमने चार पैरों पर जीना सीख लिया था सीख लिया था जमीन पर रेंगना बिना मेरु-रज्जु के सलाखों के बीच रहना, कि हमें अंधेरों मे जीना भाता था क्योंकि सीख लिया था हमने निरर्थक स्वप्न देख्नना जो सिर्फ़ बंद आँखों से देखे जा सकते थे हमें रोशनी से डर लगने लगा था ओ समय!