उसकी मैभा महतारी सरापती विलपती अपने बेटे को खींचती घर ले गई-“
2.
मैभा महतारी भी खुश थी, मधया अब खेत डाँड़ और ढोरों की खोज खबर रखने लगा था।
3.
तुम दो संतानों के सिर न तो मैभा महतारी बैठाना था और न क्षणजीवी जीवन को प्यासे रह कर जीना था...
4.
महतारी मैभा तो न थी? नहीं, अगर होती तो ऐसा नाम रखती, इतना दुलार करती? फेर काहें माई?
5.
तुम दो संतानों के सिर न तो मैभा महतारी बैठाना था और न क्षणजीवी जीवन को प्यासे रह कर जीना था...पुलिस के चक्कर में न पड़ना।
6.
उसकी मैभा महतारी सरापती विलपती अपने बेटे को खींचती घर ले गई-“मुँहझौंसी कुटनी! रेक्सा पर घुम्मे खतिरा भेस बनवले रहलि हे एतना दिन ।
7.
तुम बहुत छोटे थे जब तुम्हारी माँ गुजर गई, तुम्हीं बताओ क्या करता? तुम दो संतानों के सिर न तो मैभा महतारी बैठाना था और न क्षणजीवी जीवन को प्यासे रह कर जीना था...