यह मोरुला आगे और विभाजन करके एक गेंद के समान आकृति वाला ब्लास्टोसिस्ट (50-150 कोशिका) बनाता है।
2.
यह मोरुला आगे और विभाजन करके एक गेंद के समान आकृति वाला ब्लास्टोसिस्ट (50-150 कोशिका) बनाता है.
3.
डिम्ब वाहिनी में एक कोशिका युग्म विभाजित होकर 16 कोशिकाओ का गुच्छा मोरुला बन जाता है!
4.
बार-बार विभाजित होने के कारण युग्मज एक कोशिका समूह में परिणत हो जाता है जिसे मोरुला कहते हैं।
5.
यह मोरुला आगे और विभाजन करके एक गेंद के समान आकृति वाला ब्लास्टोसिस्ट (50-150 कोशिका) बनाता है।
6.
धीरे-धीरे मोरुला के भीतर तरल पदार्थ से भरी हुई एक गुहा उत्पन्न होती है, जिसे ब्लैस्टोसील (Blastocoele) और इस श्रेणी में भ्रुण को ब्लैस्टयूला कहते हैं।
7.
जब इन कोशिकाओं की संख्या 20 से 30 तक हो जाती है तो शहतूत या अंगूर के गुच्छे के आकार की एक संरचना प्राप्त होती है, जिसे मोरुला कहते हैं.
8.
जब इन कोशिकाओं की संख्या 20 से 30 तक हो जाती है तो शहतूत या अंगूर के गुच्छे के आकार की एक संरचना प्राप्त होती है, जिसे मोरुला कहते हैं।
9.
जब इन कोशिकाओं की संख्या 20 से 30 तक हो जाती है तो शहतूत या अंगूर के गुच्छे के आकार की एक संरचना प्राप्त होती है, जिसे मोरुला कहते हैं।
10.
कोशिकाएं गर्भाशय की और अग्रसर होती हैं और विभाजित होकर मोरुला की कोशिकाएं विशेष क्षमतायुक्त कोशिकाओं में विकसित होने लगती हैं! मोरुला के मध्य में तरल इकठ्ठा होने से यह पानी स भरी गेंद का रूप ले लेता है जिसे ब्लास्टोसिस्ट कहते हैं!