| 1. | समूची दुनिया के जंगल कटने से मौसम-चक्र, जल-चक्र में
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| 2. | हे कवि! सच तो यह है कि मौसम-चक्र बदल चुका है।
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| 3. | दूसरी ओर, वातावरण में तापमान बढ़ने के कारण मौसम-चक्र भी असंतुलित होता जा रहा है।
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| 4. | दूसरी ओर, वातावरण में तापमान बढ़ने के कारण मौसम-चक्र भी असंतुलित होता जा रहा है।
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| 5. | विभिन्न स्थानों पर सामान्य मौसम-चक्र के अतिरिक्त भी कब मौसम कैसा हो जाएगा कोई पता नहीं।
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| 6. | पता नहीं यह बदलते हुए मौसम-चक्र का दुष्परिणाम है या गंगा ने मात्र अपना रास्ता बदल लिया है.
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| 7. | पता नहीं यह बदलते हुए मौसम-चक्र का दुष्परिणाम है या गंगा ने मात्र अपना रास्ता बदल लिया है.
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| 8. | समूची दुनिया के जंगल कटने से मौसम-चक्र, जल-चक्र में परिवर्तन, वायुमंडल में तापक्रम में बेतहाशा वृद्धि अब चिंता का विषय है।
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| 9. | वैश्विक तापमान में वृद्धि, मौसम-चक्र में परिवर्तन आदि की मार झेल रहे इंसान को पारंपरिक ज्ञान से बहुत बड़ी मदद मिल सकती है।
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| 10. | मौसम-चक्र में बदलाव से जाड़े का मौसम छोटा होता जा रहा है और गर्मी के मौसम की अवधि में विस्तार होता जा रहा है।
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