| 1. | श्लेष्म या म्यूसिन उत्पादन इसका मुख्य गुण है।
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| 2. | श्लेष्मा का गाढ़ा और चिपचिपा स्वरूप म्यूसिन नामक प्रोटीन के कारण होता है।
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| 3. | आँसुओं में जल, लवण, म्यूसिन तथा एक जीवाणुनाशक एंजाइम लाइसोज़ाइम रहता है।
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| 4. | आँसुओं में जल, लवण, म्यूसिन तथा एक जीवाणुनाशक एंजाइम लाइसोज़ाइम रहता है।
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| 5. | लार में मौजूद तरल के साथ म्यूसिन पारस्परिक क्रिया करते बहुत ज्यादा चिकना श्लेष्मा पैदा करता है।
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| 6. | इसमें 98 % जल और 2 % जल, श्लेष्म (म्यूसिन) तथा टायलिन एन्जाइम होता है।
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| 7. | ये ग्रंथियां तरल, लवण, सैलाइवरी एमाइलेज और म्यूसिन का स्राव करती है जो सबमैण्डिबुलर नलिकाओं द्वारा मुख में आते हैं।
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| 8. | ये ग्रंथियां ज्यादातर तरल, लवण और म्यूसिन का स्राव करती है और इनका स्राव बाकी ग्रंथियों के स्राव से ज्यादा लसलसा होता है।
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| 9. | प्रोटींस में म्यूसिन (म्यूसिन श्लेषमा बनाने में मदद करता है) तथा सैलाइवरी एमाइलेस (टाइलिन नाम का एक एंजाइम) मौजूद रहते हैं।
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| 10. | प्रोटींस में म्यूसिन (म्यूसिन श्लेषमा बनाने में मदद करता है) तथा सैलाइवरी एमाइलेस (टाइलिन नाम का एक एंजाइम) मौजूद रहते हैं।
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