| 1. | आखिर में, संभोग के बाद योनिमुख को साफ़ करें
|
| 2. | और अक्सर वो चिडचिडापन और योनिमुख के संक्रमण के कारन होता है.
|
| 3. | इसके बीच में योनिमुख या छिद्र होता है यही मूत्रद्वार भी खुलता है।
|
| 4. | और अक्सर वो चिडचिडापन और योनिमुख के संक्रमण के कारन होता है.
|
| 5. | योनिमुख के दोनो ओर लम्बा सा उभार होता है जिस पर बाल उगे रहते हैं।
|
| 6. | रक्त के संचय से भगोष्ठ, भगशिश्न, योनिमुख आदि की त्वचा में लालिमा आ जाती है।
|
| 7. | रक्त के संचय से भगोष्ठ, भगशिश्न, योनिमुख आदि की त्वचा में लालिमा आ जाती है।
|
| 8. | संभोग से 15-20 मिनट पहले योनि में डालें आखिर में, संभोग के बाद योनिमुख को साफ़ करें
|
| 9. | रक्त के संचय से भगोष्ठ, भगशिश्न, योनिमुख आदि की त्वचा में लालिमा आ जाती है।
|
| 10. | लम्बी नाली के जैसी संरचना है जो मांसपेशियों व झिल्ली से बनी होती है तथा जो योनिमुख से गर्भाशय द्वार तक जाती है।
|