लार, वीर्य तथा योनिस्राव में इसके विषाणु मौजूद रहते हैं।
2.
यह पेशाब नहीं होती, बल्कि योनिस्राव योनि का तरल पदार्थ होता है।
3.
साधारण तौर पर योनिस्राव पतला, सफेद रंग का और बदबू वाला होता है।
4.
इसके अंतर्गत श्वेतप्रदर, योनिस्राव या योनि विसर्जन आदि बहुत से रोग आते हैं।
5.
2. स्त्री को गर्भधारण करने के लिए यह भी आवश्यक है कि योनिस्राव क्षारीय होना चाहिए इसलिए स्त्री का भोजन क्षारप्रधान होना चाहिए।
6.
यदि महिलाओं में योनिस्राव जैसी स्थिति हो तो इसकी छाल के चूर्ण को दो से पांच ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के परामर्श से सेवन करने से योनिस्राव ठीक जाता है।
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यदि महिलाओं में योनिस्राव जैसी स्थिति हो तो इसकी छाल के चूर्ण को दो से पांच ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के परामर्श से सेवन करने से योनिस्राव ठीक जाता है।
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-यदि महिलाओं में योनिस्राव जैसी स्थिति हो तो इसकी छाल के चूर्ण को दो से पांच ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के परामर्श से सेवन करने से योनिस्राव ठीक जाता है …
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-यदि महिलाओं में योनिस्राव जैसी स्थिति हो तो इसकी छाल के चूर्ण को दो से पांच ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के परामर्श से सेवन करने से योनिस्राव ठीक जाता है …
10.
पी. डब्ल्यू-5 के द्वारा अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया गया है कि पीडिता के योनिस्राव में शुक्राणू का न मिलने का कारण विलंब से योनिस्राव का लिया जाना हो सकता है, सफाई करने के बाद यदि योनिस्राव लिया जाये तब भी शुक्राणू नहीं मिल सकता है।