प्रेम के संबंध में विचार करते समय यह ध्यान में रखना जरूरी है कि यौन-आकर्षण को ही प्रेम न समझ लिया जाए ।
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कुत्ता या अन्य पशु तो खाना भी खाते हैं, हंगते भी हैं, बच्चे भी जनते हैं, तो क्या मनुष्य को उनसे अलग दिखने के लिए यह सब काम बंद कर देने चाहिए? आप कत्ल और प्रेम या यौन-आकर्षण को एक ही तराजू पर तौल रहे हैं जो कि कतई वाजिब नहीं है।