ब्लाग के नए रंग-विधान में पढ़ने में थोड़ी तकलीफ हो रही है।
2.
जा सकता है, क्योंकि यह अपने स्थानीय तत्वों के सहारे अपना रंग-विधान खड़ा करती है
3.
यद्यपिसमय ने अजन्ता के चित्रों को औद्योगिक बना दिया है तथापि अजन्ता चित्रोंमें जो अंश बचे उनसे ही अजन्ता के उत्कृष्ट शिल्पियों के रंग-विधान परकाफी प्रकाश पड़ता है.
4.
खास तौर पर मेरे चित्रों के विषय व रंग-विधान नकारात्मक सोच में नहीं होते बल्कि उनमें एक जीवन, एक आशावादी सोच एवं आकांक्षा होती है-चटकीले रंगों में समृद्ध भारतीय संस्कृति की, एक सकारात्मक सोच की एवं सहिष्णु विचारों की।