| 1. | रचना-शैली तीन ही प्रकार की होती है-
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| 2. | भाषा, रचना-शैली तथा साहित्यिक प्रवृत्तियाँ
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| 3. | सजीव बिम्ब-विधान तथा ध्वन्यात्मकता भी आपकी रचना-शैली की विशेषताएँ हैं।
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| 4. | महादेवी जी की रचना-शैली की प्रमुख विशेषताएँ उसकी भावतरलता, वैयक
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| 5. | कोई भी ग्रन्थ इसकी रचना-शैली की समता नहीं कर सकता।
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| 6. | सजीव बिम्ब-विधान तथा ध्वन्यात्मकता भी आपकी रचना-शैली की विशेषताएँ हैं।
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| 7. | इस अनुपम रचना-शैली के आविष्कर्ता जयदेव, अपने उपमान आप ही हैं।
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| 8. | रचना-शैली की प्रशंसा करता है कोई उनके सद्विचारों पर मुग्ध हो जाता
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| 9. | विषयवस्तु, विषय प्रतिपादन एवं रचना-शैली तीनाें दृष्टियों सेविद्यापति की पदावली सफल हुई है।
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| 10. | विषयवस्तु, विषय प्रतिपादन एवं रचना-शैली तीनाें दृष्टियों से विद्यापति की पदावली सफल हुई है।
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