| 1. | महादेवी गुप्ता-रणचंडी भी, माँ भी!!
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| 2. | “महादेवी गुप्ता-रणचंडी भी, माँ भी!!”
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| 3. | रणचंडी की अतृप्त प्यास, मै दुर्गा का उन्मत्त हास.
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| 4. | मचैल यात्राः पहाड़ों में बसी है मां रणचंडी
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| 5. | सृजन के प्रिय क्षण स्वयं ही रणचंडी बनना होगा
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| 6. | रणचंडी की अतृप्त प्यास, मैं दुर्गा का उन्मत्त हास
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| 7. | बहिन छबीली ने रणचंडी का कर दिया प्रकट आवहान,
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| 8. | गृद्ध श्रृगाल काक श्वान संग रणचंडी को आमंत्रण था।
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| 9. | लेकिन, अब तक तो पत्नी रणचंडी बन चुकी थी।
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| 10. | गृद्ध श्रृगाल काक श्वान संग रणचंडी को आमंत्रण था।
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