| 1. | राजनिष्ठा और शुश्रूषा / सत्य के प्रयोग / महात्मा गांधी
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| 2. | मैंने कभी अन्य देश के प्रति राजनिष्ठा की शपथ नहीं ली।
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| 3. | इस राजनिष्ठा को अपनी पूरी जिन्दगी में मैने कभी भुनाया नही ।
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| 4. | राजनिष्ठा की तरह शुश्रूषा का गुण भी मुझ मे स्वाभाविक था ।
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| 5. | -उनकी राजनिष्ठा केवल मुस्लिम शासको या मुस्लिम देशो की प्रति ही होती हैं.
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| 6. | इस कारण राजनिष्ठा मे मैं अंग्रेजो से भी आगे बढ़ जाने का प्रयत्न करता था ।
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| 7. | मैं देख सकता हूँ कि इस राजनिष्ठा का मूल सत्य पर मेरा स्वाभाविक प्रेम था ।
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| 8. | राजनिष्ठा का अथवा दूसरी किसी वस्तु का स्वांग मुझ से कभी भरा ही न जा सका ।
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| 9. | शुद्ध राजनिष्ठा जितनी मैने अपने में अमुभव की हैं, उतनी शायद ही दूसरे मे देखी हो ।
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| 10. | और जो भी अवसर आडम्बर के बिना राजनिष्ठा प्रदर्शित करने के आते, उनमे मैं सम्मिलित होता था ।
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