एक प्लास्टिक की गुडिया को इतना सजा दिया कि वह किसी भी मायने में बहुत ही सुन्दर लगे और एक सोने के टुकडे को बिना सजा हुआ कोई भी रूप दे दिया जाये तो वह अपना मोल तो रखेगा लेकिन गढाई की कला से सुसज्जित नही होने के कारण वह भद्दा ही लगेगा, लेकिन वह प्लास्टिक की गुडिया अपना रूप सबके लिये भावनात्मक रूप से और रूपसिद्धि के कारण पसंद किया जायेगा।