इमाम के रोंजे पे तो हर शख्स जा के दुआ माँग लेता है।
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इमाम के रोंजे पे तो हर शख्स जा के दुआ माँग लेता है।
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उनके रोंजे की पूरी व्यवस्था बड़े ही आदर व आस्था के साथ तेजिन्द्र चौहान द्वारा की जाती है।
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मुस्लिम कारीगर के इस परिवार ने रमंजान के महीने में रोंजे रखकर तथा साथ-साथ रावण, मेघनाद व कुम्भकर्ण के पुतले बनाकर जहां सर्वधर्म सम्भाव व साम्प्रदायिक सौहार्द्र का एक अच्छा उदाहरण पेश किया है, वहीं रामलीला क्लब बराड़ा के सदस्यों द्वारा उन मुस्लिम कारीगरों की सभी धार्मिक आवश्यकताओं को पूरा कर तथा उनके सहयोगी बनकर उदारता, भाईचारा तथा साम्प्रदायिक सद्भाव का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया है।