रोगलक्षण में बह्य लाक्षणिक अभिव्यक्ति पाई जाती है।
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से लिया गया श्रेणियाँ: आधारतंत्रिका सम्बन्धी रोगलक्षण दिक्चालन सूची
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ईर्ष्या) का अनुभव कर सकता है एवं उसका शारीरिक रोगलक्षण (जैसे
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रोगलक्षण, फलानुमान तथा उपचार का उनके ग्रंथ में दिया गया परिशुद्ध वर्णन विस्मयकारी है।
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रोगलक्षण, फलानुमान तथा उपचार का उनके ग्रंथ में दिया गया परिशुद्ध वर्णन विस्मयकारी है।
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रोगलक्षण तथाश् रक्तपरीक्षा, मुख्यत: विडाल टेस्ट (Widal test) विशेष सीरम परीक्षा क्षरा रोग का निदान होता हैं।
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पारा हमारी धमनियों की दीवारों को काट देता है, जन्म-दोष और कई मनोवैज्ञानिक रोगलक्षण उत्पन्न कर देता है।
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रोगलक्षण भाँति भाँति के होते हैं, पर मुख्यात: सिर पीड़ा, भूख न लगना, सुस्ती, धीरे धीरे ज्वर बढ़ना, संनिपात आदि है।
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और जब आपको पसीना आने, धड़कन,चक्कर आने के रोगलक्षण का अनुभव हो तो आपको ब्लड ग्लूकोज मापना पड़ेगा और इसे रोगी डायरी कार्ड में लिखना होगा।
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जीव विज्ञान, जैवरसायन, विषविज्ञान, औषध, रोगलक्षण विज्ञान, आविषालुता विज्ञान आदि क्षेत्रों के अनुसंधान पत्रों में सर्वाधिक सन्दर्भ लोफ्कोविज का दिया जाता है।