The period of childhood and early boyhood which was spent under the tutelage of family servants was later dubbed by him as servocracy . रवीन्द्रनाथ का बचपन और लड़कपन घरेलू नौकरों के संरक्षण में ही बीता और जिसे उन्होंने ' सर्वोक्रेसी ' कहकर याद किया है .
परिभाषा
शैशव और किशोर होने के बीच की अवस्था:"राकेश बचपन से ही पढ़ने में बहुत तेज है" पर्याय: बचपन, बाल्यावस्था, बालपन, बालकपन,
शैशव और युवा होने के बीच का समय:"श्याम का बाल्यकाल अपने ननिहाल में बीता" पर्याय: बाल्यकाल, बालपन, बचपन, बालावस्था,