एक बार जब सच डंडे लपलपाना तलवार, नहीं लेकिन सम्मान और देशभक्ति छुट्टियां मनाने. [...]
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और मुँह लपलपाना कि काश हमे भी पार्टी में जाने का मौका मिलता भॅरोसिंह जी बाबोसा होते तो।
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और मुँह लपलपाना कि काश हमे भी पार्टी में जाने का मौका मिलता भॅरोसिंह जी बाबोसा होते तो।
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और इन कंपनियों की उतंडता को देखिये जैसे ही पॉवर मिला भूखे भेड़िये की तरह जीफ लपलपाना शुरू हो गए.
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और उसे देखकर जीभ लपलपाना...!! हेल्लो भाई साहब!! चलिए अब वापस लौट आइये इन सूखे दिनों में! तो देखा आपने अचार का नाम सुनते ही आ गया ना आपके मुंह में भी पानी! बस अब थोड़ी कल्पनाशीलता और इस्तेमाल करें और ये सोचें की बिग बॉस एक बरनी है..