यहां आचार्य ने रक्त के लालवर्ण की तुलना पाँच विभिन्न प्रसिद्ध चीजों सेकी है तथा पांचो को ही शुद्ध माना है.
6.
यथा--`तपाये हुये स्वर्ण के समान लालवर्ण, बीर बहूटी के समान लालवर्ण, रक्तकमल के समान लालवर्ण, अलक्तक (लाक्षा) के समान लालवर्ण तथा गुरु जाफल केसमान लालवर्ण के रक्त को शुद्ध समझना चाहिये.
7.
यथा--`तपाये हुये स्वर्ण के समान लालवर्ण, बीर बहूटी के समान लालवर्ण, रक्तकमल के समान लालवर्ण, अलक्तक (लाक्षा) के समान लालवर्ण तथा गुरु जाफल केसमान लालवर्ण के रक्त को शुद्ध समझना चाहिये.
8.
यथा--`तपाये हुये स्वर्ण के समान लालवर्ण, बीर बहूटी के समान लालवर्ण, रक्तकमल के समान लालवर्ण, अलक्तक (लाक्षा) के समान लालवर्ण तथा गुरु जाफल केसमान लालवर्ण के रक्त को शुद्ध समझना चाहिये.
9.
यदि क पर किरण का आपात कोण आ तथा वर्तन कोण व हो तो गणित द्वारा सिद्ध किया जा सकता है कि जब विचलन कोण वि न्यूनतम होता है तब यदि उक्त समीकरण में का मान लालवर्ण के लिए १. ३२९ रख दें तो कोण आ का मान ५९.६तथा कोण व का मान ४०.५प्राप्त होता है।