उल्लेखनीय है लिंगरहित पहचान की जितनी भी धारणाएं या संबंध हमारे समाज में प्रचलन में हैं उनके आधार पर स्त्री की सही समझ नहीं बनती।
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उल्लेखनीय है लिंगरहित पहचान की जितनी भी धारणाएं या संबंध हमारे समाज में प्रचलन में हैं उनके आधार पर स्त्री की सही समझ नहीं बनती।
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प्यार बेरंग और लिंगरहित है है, प्रेम एक लग रहा है आप अपने पेट के बीच में गहरी नीचे है, यह एक भयानक असली लग रहा है कि डरावना है, एक ही समय में इतना आरामदायक अभी तक है.
परिभाषा
जिसमें कोई लिंग (स्त्री पुरुष का चिह्न अथवा किसी प्रकार का लक्षण) न हो:"अलिंग शिव से पंच ज्ञानेन्द्रियाँ, पंच कर्मेन्द्रियाँ, पंच महाभूत, मन और स्थूल सूक्ष्म जगत उत्पन्न होता है" पर्याय: अलिंग, अलिङ्ग, लिङ्गरहित,