| 1. | लिथार्ज (ळिट्हर्गे)-सीसे का अयस्क, लेड (ईई) आक्साइड फ्बो.
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| 2. | से ऊपर ताप पर यह लिथार्ज में बदल जाता है।
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| 3. | लिथार्ज पर आर्सेनिक अम्ल और अल्प नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से यह बनता है।
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| 4. | लिथार्ज पर आर्सेनिक अम्ल और अल्प नाइट्रिक अम्ल की क्रिया से यह बनता है।
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| 5. | ५ ०० डिग्री से. से ऊपर ताप पर यह लिथार्ज में बदल जाता है।
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| 6. | पिछली सीसा धातु को परावर्तक भ्राष्ट्र में ऊँचे ताप पर वायु द्वारा आक्सीकरण करने से लिथार्ज प्राप्त होता है।
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| 7. | पिछली सीसा धातु को परावर्तक भ्राष्ट्र में ऊँचे ताप पर वायु द्वारा आक्सीकरण करने से लिथार्ज प्राप्त होता है।
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| 8. | लिथार्ज को ऐसीटिक अम्ल में घुलाकर गरम कर विलयन को संतृप्त बनाकर ठंडा करने से लेड ऐसीटेड के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
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| 9. | लिथार्ज को ऐसीटिक अम्ल में घुलाकर गरम कर विलयन को संतृप्त बनाकर ठंडा करने से लेड ऐसीटेड के क्रिस्टल प्राप्त होते हैं।
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| 10. | लिथार्ज पीला या पांडु रंग का गंधहीन चूर्ण होता है जिसका उपयोग रबर, पेंट, काँच, ग्लेज और इनेमल के निर्माण में होता है।
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