इसके अलावा, कम्पनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत प्रत्येक कम्पनी से सांविधिक तौर पर अपेक्षा की जाती है कि वह लेखा-विवरण बनाकर रखे।
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इसके अलावा, कम् पनी अधिनियम, 1956 के अ ंतर्गत प्रत् येक कम् पनी से सांविधिक तौर पर अपेक्षा की जाती है कि वह लेखा-विवरण बनाकर रखे।
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हम नहीं जानते कब आपका आगमन हो जाए ; इसलिए हम समय-समयपर अपना लेखा-विवरण बनाकर रखते हैं, इसलिए कभी कुछ अधूरा छोड देनेकी चिंता नहीं होती । '-प.प ू. परशराम माधव पांडे महाराज, सनातन आश्रम, देवद, पनवे ल.