इसी भांति ब्राह्मणवर्ती अनेक लोकों के प्राणी समूह में पितृ लोकगत प्राणी का निदृष्ट पता लगने के लिए उसकी तीन पीढ़ी का वर्णन किया जाता है जिससे हम अल्पज्ञ प्राणियों के संकल्प से सर्वज्ञ भगवान सुपरिचित होकर अभिमत पितृगणों को अक्षय तृप्ति प्रदान करें।
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इसी भांति ब्राह्मणवर्ती अनेक लोकों के प्राणी समूह में पितृ लोकगत प्राणी का निदृष्ट पता लगने के लिए उसकी तीन पीढ़ी का वर्णन किया जाता है जिससे हम अल्पज्ञ प्राणियों के संकल्प से सर्वज्ञ भगवान सुपरिचित होकर अभिमत पितृगणों को अक्षय तृप्ति प्रदान करें।