किंतु वास्तव में वन-देवता क्रोधित हुए मगर बहुत देर के बाद।
3.
उनमें वृक्षों को काटने से भगवान कैसे गुस्सा हो सकते हैं, कोई वन-देवता है ही नहीं।
4.
कोई सम्पत्ति होती है, भला? और जो आप यह कहते हैं कि वे वन-देवता हैं, यह
5.
उनका विश्वास रहा कि कोई वन-देवता होता है जो पावन वनों में वृक्षों के काटने पर घोर दंड देता है।
6.
अब लोगों की समझ में आया कि वन-देवता दंड दे रहे हैं किंतु वनों का सफाया तो हो चुका था।
7.
फलतः वे सीता को वन-देवता तथा दिक्पालों को सौंपकर वहां चल दिए, जहां रावण रूपी चंद्र के लिए राहु रूपी राम गये हुए थे ।
8.
यहां के निवासियों का कहना है कि शायद यह वन-देवता का ही श्राप है, जिससे वे सभी बिना फूले-फले जिंदगी बसर कर रहे हैं.
9.
जब खासियों ने कहा कि वन-देवता उन्हें दंड देंगे तब वे बोले कि उनके भगवान बहुत शक्तिशाली हैं, उन्हें कुछ नहीं होगा और वास्तव में उन्हें कुछ नहीं हुआ।
10.
फिर उसे अपनी संस्कृति के पुराण की ही बातें क्यों, दूसरी संस्कृतियों के पुराण भी सच्चे जान पडने लगते हैं-उनके भी वन-देवता और लता-बालाएँ और नदी-अप्सराएँ देखते-देखते उसके आगे रूप लेने लगती हैं।