इसी वर्त्म या वर्त्मन् से मराठी का वाट (बाट, राह, रास्ता) भी बना है।
3.
वाट लगना, जिसकी शोहरत में मुन्नाभाई ने और इजाफा कर दिया है, भी इसी वर्त्म या आधार से निकला होगा।
4.
' अनुल्लंध्य सताँ वर्त्म ' का तात्पर्य यह है कि सत्पुरुषों के द्वारा जो वेद-शास्त्रानुसार जिस मार्ग का अनुशरण किया गया है, उसका उल्लंधन नहीं करना चाहिये।