वलयक (stapes) हड्डी काफी विशालकाय हो गई थी, जबकि सरीसृपों में यह पतली होती है।
3.
बहुवर्षी जड़ो के प्रकेधा (procambium) वलयक (strand) के विकास, अंतश्चर्म (endodermis) की सुव्यक्त मोटाई और वर्धन सिरे के विभज्योतक (meristem) के सुरक्षात्मक आवरण के रूप में अंतर होता है।
4.
दारू वलयक त्रिज्यात: चौरस होते हैं और मूल की एक ही परिधि में ये और फ्लोएम एकांतर होते हैं जड़ में प्राय: मज्जा नहीं होती, किंतु द्वितीजपत्री पौधों की जड़ों की अपेक्षा एकबीजपत्री पौधों की जड़ों में प्राय: मिलती हैं।