ऐसे किसी भी मामले में उधारकर्ता बंधक रखी संपत्ति की वसीयती स्थिति अपने किसी संबंधी के पक्ष में प्रकट करेगा, जो कि ऐसे वसीयतदार द्वारा बंधक ऋण चुकाया जाने और एक ऐसे विवरण के अध्यधीन होगा कि वारिस बंधक की विधिमान्यता को और इसी प्रकार उधारकर्ता की मृत्यु की स्थिति में बंधक के प्रवर्तन के लिए बंधकग्राही के अधिकार को तब तक चुनौती देने का हकदार नहीं होगा जब तक कि वैध प्रतिनिधि ऋण मी पूरी राशि और उस पर प्रोद्भूत ब्याज चुकाने का दायित्व लेने की इच्छा प्रकट नहीं करता है ।