अरविन्द जी, वाचिकता हो या गैरवाचिकता दोनों ही में बोलना कामन है!
4.
उनके गीतों में गेयता की अपेक्षा वाचिकता अधिक है जो आगे चलकर अनेक नवगीतकारों में भी मिलती है।
5.
पर वाचिकता के बावजूद उन्होंने न लिखने के कारणों की चर्चा से अक्सर ही परहेज किया और लिखने को विचार की संस्कृति के प्रसार में महत्वपूर्ण दायित्व के रूप में देखा है।
6.
Pmअरविन्द जी, टिप्पणी के पहले पैरे से पूर्ण सहमति!अब बात दूसरे पैरे की...क्या करूं? अपनी जुबान पे कंट्रोल ही नहीं होता, सच कहूं तो यह भाषा मेरे क्लास रूम की अपनी वाचिकता है / अपनी आदत है!
परिभाषा
वाचिक होने की अवस्था:"मिथकों की वाचिकता पर धर्म-ग्रंथों का प्रभाव परिलक्षित होता है" पर्याय: मौखिकता,