वातशूल होने पर दारूहरिद्रा को ऊपर से छिडकर कुमारी पत्रा को गरम करके बांध दें।
2.
-यह उत्तेजक, वाजीकारक, यौनशक्ति वर्धक, त्रिदोष नाशक, वातशूल शमन करने वाली है।
3.
25 वातशूल:-सोंठ तथा एरंड के जड़ के काढे़ में हींग और सौवर्चल नमक मिलाकर पीने से वात शूल नष्ट होता है।
4.
यह उत्तेजक, वाजीकारक, यौनशक्ति बनाए रखने वाली, कामोत्तेजक, त्रिदोष नाशक, आक्षेपहर, वातशूल शामक, दीपक, पाचक, रुचिकर, मासिक धर्म साफ़ लाने वाली, गर्भाशय व योनि संकोचन, त्वचा का रंग उज्ज्वल करने वाली, रक्तशोधक, धातु पौष्टिक, प्रदर और निम्न रक्तचाप को ठीक करने वाली, कफ नाशक, मन को प्रसन्न करने वाली, वातनाड़ियों के लिए शामक, बल्य, वृष्य, मूत्रल, स्तन (दूध)
5.
[43] 1911 में,मधुमेह, गठिया, वातशूल और मोतियाबिंद के लक्षण पाए जाने पर, वो धीमी नहीं हुई, पर 1914 के बाद, वह पेंटिंग को रोकने के लिए मजबूर हो गयी,क्यूंकि वो लगभग अंधी हो चुकी थी.फिर भी, उन्होंने महिला मताधिकार के कारण को उठाया, और 1915 में, इस आंदोलन का समर्थन करती एक प्रदर्शनी में अठारह कार्यों दिखाया.
6.
मलाघात जन्य मूत्रकच्छ जैसा कि इसके नाम से प्रकट हो रहा है कि यह मल के रुक जाने से पैदा होता है मल की गाँठे या सुद्दे पड़ने से इसका प्रभाव मूत्रेन्द्रिय पर पड़ता है कारण यह है कि मल के रुकजाने से वायु विगुण या उल्टा होकर अफरा वातशूल और मूत्रनाश प्रकट हो जाता है तब भी मूत्रकच्छ पैदा हो जाता है।
7.
[43] 1911 में,मधुमेह, गठिया, वातशूल और मोतियाबिंद के लक्षण पाए जाने पर, वो धीमी नहीं हुई, पर 1914 के बाद, वह पेंटिंग को रोकने के लिए मजबूर हो गयी,क्यूंकि वो लगभग अंधी हो चुकी थी.फिर भी, उन्होंने महिला मताधिकार के कारण को उठाया, और 1915 में, इस आंदोलन का समर्थन करती एक प्रदर्शनी में अठारह कार्यों दिखाया.
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कैसे मेरे कमज़ोर हाथ कभी मुझ पर हुए असर को पेंट कर पाएंगे. "41 1911 में,मधुमेह, गठिया, वातशूल और मोतियाबिंद के लक्षण पाए जाने पर, वो धीमी नहीं हुई, पर 1914 के बाद, वह पेंटिंग को रोकने के लिए मजबूर हो गयी,क्यूंकि वो लगभग अंधी हो चुकी थी.फिर भी, उन्होंने महिला मताधिकार के कारण को उठाया, और 1915 में, इस आंदोलन का समर्थन करती एक प्रदर्शनी में अठारह कार्यों दिखाया.