इनमें तीनों प्रकार के दुःखों का विघात मुख्य सिद्धि हैं ;
3.
है-उनकी स्वच्छंदता के विघात का जो अनुभव होता है-उसे लज्जा कहते हैं।
4.
घृणित आचरणवाले के प्रति जिसे देखते ही लोकरुचि के विघात या आकुलता की
5.
के प्रति जिसे देखते ही लोक रुचि के विघात या आकुलता की भावना हमारे मन में
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यह देखा जाता है कि कहीं किसी इन्द्रिय का और कहीं किसी का विघात होजाता है ।
7.
ये सत्रह प्रकार की भावना हैं, जो बुद्धिवृत्तिरूप हैं-इनका विघात होजाना बुद्धि का विघात है ।
8.
ये सत्रह प्रकार की भावना हैं, जो बुद्धिवृत्तिरूप हैं-इनका विघात होजाना बुद्धि का विघात है ।
9.
मूल में ' क्रमात् ' पद कहीं पर विघ्नों द्वारा कार्य का विघात शास्त्रोक्त क्रम का त्याग करने से ही होता है, यह सूचित करने के लिए है।
10.
इसप्रकार ग्यारह इन्द्रियों के विघात ; तथा, तुष्टि-सिद्धि के आधार पर सत्रह प्रकार की बुद्धि-वृत्तियों का विघात अथवा वध होने से उत्पन्न-सब मिलाकर कुल अट्ठाईस प्रकार की अशक्ति बताई गई है।
किसी वस्तु, शरीर आदि पर किसी दूसरी वस्तु के वेगपूर्वक आकर गिरने या लगने की क्रिया (जिससे कभी-कभी अनिष्ट या हानि होती है):"राहगीर उसे आघात से बचाने के लिए दौड़ा" पर्याय: आघात, चोट, वार, प्रहार, घात, व्याघात, अभिघात, प्रहरण, अवघात, आहति, जद, ज़द,