[45] मनस की परीक्षा प्रकरण में उसके विभुत्व का खण्डन किया गया है।
2.
विभु द्रव्यों में विप्रकर्ष भी नहीं है और विभुत्व के कारण उनमें संयोग मानना भी व्यर्थ है।
3.
इसका आधार इस प्रकार बनाया जाता है कि शान्तरक्षित ने तत्त्वसंग्रह में ईश्वर के विभुत्व और सर्वज्ञान के संदर्भ में विशेष पदार्थ का निरूपण किया है तथा कमलशील ने ' तत्त्वसंग्रह व्याख्या पंजिका ' में प्रशस्तमति के मत का खण्डन किया है।