अन्य समुदायों के क्रिस्टल विषमदैशिक (anisotropic) होते हैं।
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अन्य समुदायों के क्रिस्टल विषमदैशिक (
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अन्य समुदायों के क्रिस्टल विषमदैशिक (anisotropic) होते हैं।
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प्रकाश की एक किरण किसी विषमदैशिक क्रिस्टल में प्रवेश करने पर दो किरणों में विभाजित हो जाती है और इस प्रकार द्वि-अपवर्तन (
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प्रकाश की एक किरण किसी विषमदैशिक क्रिस्टल में प्रवेश करने पर दो किरणों में विभाजित हो जाती है और इस प्रकार द्वि-अपवर्तन (double refraction) होता है।
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प्रकाश की एक किरण किसी विषमदैशिक क्रिस्टल में प्रवेश करने पर दो किरणों में विभाजित हो जाती है और इस प्रकार द्वि-अपवर्तन (double refraction) होता है।
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क्रिस्टलीय ठोस विषमदैशिक प्रकृति के होते हैं अर्थात् उनके कुछ भौतिक गुण जैसे विद्युतीय प्रतिरोधकता और अपवर्तनांक एक ही क्रिस्टल में भिन-भिन दिशाओं में मापने पर भिन-भिन मान प्रदर्शित करते हैं।