वे वृषम अर्थात् बैल की सवारी करते हैं, इसीलिए उन्हें वृषभवाहन कहा जाता है।
3.
वर्तमान में ग्राम शिवाड स्थित ज्योतिर्लिंग क्षेत्र के चारों ओर पुरोक्त चारों द्वारों के प्रतिक चार गाँव हैं जो सारसोप (सर्व सर्प्द्वर), नत्वादा (नाट्यशाला द्वार), बहड़ (वृषम द्वार), ईसरदा (ईश्वर द्वार) के नाम से जाने जाते हैं.