वृहदारण्यकोपनिषद वाक्य
उच्चारण: [ verihedaarenyekopenised ]
उदाहरण वाक्य
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- यह भी वृहदारण्यकोपनिषद का विषय है।
- जैसा कि वृहदारण्यकोपनिषद की बात आ चुकी है कि मनुष्य के लिए दो ही स्थान हैं।
- वृहदारण्यकोपनिषद-वृहदारण्यकोपनिषद में याज्ञवल्क्य का यह सिद्धांत प्रतिपादित है कि ब्रह्म ही सर्वोपरि तत्त्व है और अमृत्त्व उस अक्षर ब्रह्म का स्वरूप है।
- वृहदारण्यकोपनिषद-वृहदारण्यकोपनिषद में याज्ञवल्क्य का यह सिद्धांत प्रतिपादित है कि ब्रह्म ही सर्वोपरि तत्त्व है और अमृत्त्व उस अक्षर ब्रह्म का स्वरूप है।
- 3-कर्मानुसार स्वर्ग या नरक मे प्रवेश पाना जैसा कि वृहदारण्यकोपनिषद की बात आ चुकी है कि मनुष्य के लिए दो ही स्थान हैं।
- कथा समाप्त करते हुए उपनिष्त्कार (वृहदारण्यकोपनिषद 5 / 2) ऋषि कहते हैं कि देखो प्रजापति का यह उपदेश हमें मेघगर्जना में भी सुनाई पड़ता है।
- (देखें वृहदारण्यकोपनिषद) ” यही नहीं गोस्वामी तुलसी दास ने भी इसी का वर्गी करण निम्न रूप में किया है-“ क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा.
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