पूजा-प्रार्थना में लगे भी तुम्हें वेश्यागृह की याद आने लगेगी।
3.
या उस कंबोडियाई लड़की को लीजिए जो जैसे-तैसे एक वेश्यागृह से भाग निकली और फिर एक सहायता समूह की मदद से शुरू किए गए छोटे-से व्यापार का विस्तार कर अब अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही है.
4.
मुझे याद है कि वर्षों पहले, उन्नीसवीं शताब्दी के अंतिम दशक में, वीर साल्वेशन आर्मी के सदस्य, अपने प्राणों को दांव पर लगाकर, बंबई की बदनाम गलियों में जहां वेश्यागृह थे, धरना दिया करते थे।