| 1. | चीन के बीजिंग में स्थित एक शंकुक
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| 2. | शंकुक का समय ई. 850 के लगभग मान्य है।
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| 3. | आधुनिक क्षैतिज दायल वाली सूर्यघड़ी जिसमें बीच में शंकुक है
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| 4. | ३. रस सम्प्रदाय-आचार्य लोल्लट, शंकुक और भट्टनायक आदि।
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| 5. | इस प्रकार शंकुक ने रस की स्थिति सहृदयों या सामाजिकों में मानी है।
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| 6. | शार्ङ्गधरपद्धति तथा जल्हण की सूक्तिमुक्तावली में शंकुक को मयूर का पुत्र कहा गया है।
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| 7. | विक्रमादित्य की सभा के नवरत्नों में भी एक शंकु या शंकुक नाम आया है।
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| 8. | राजतरंगिणी के उल्लेख के अनुसार शंकुक कश्मीरी विद्वान् थे और अजितापीड़ के शासनकाल में विद्यमान थे।
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| 9. | ये दोनों भरत नाट्यशास्त्र के व्याख्याता, रसनिरूपण में अनुमितिवाद के प्रतिष्ठापक एवं भुवनाभ्युदय महाकाव्य के रचयिता शंकुक से संभवत:
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| 10. | आचार्य शंकुक ने निष्पत्ति का अर्थ अनुमिति से लिया है तथा संयोग का अर्थ लिया है अनुमाप्य-अनुमापक भाव संबंध।
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