| 1. | इसकी चमक काँचाभ तथा टूट शंखाभ होती है।
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| 2. | इसकी चमक काँचाभ तथा टूट शंखाभ होती है।
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| 3. | इसे ही शंखाभ (कनकॉयडल) टूट कहते हैं।
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| 4. | विभंग चपटा शंखाभ भंगुर. कठोरता = ३. ५-४. ५, आ. घ. ३.
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| 5. | प्राय: सघन तथा सूक्ष्मकणिक होता है और टूटने पर शंखाभ भंग दिखाई पड़ता है।
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| 6. | यह विभंग शंखाभ (conchoidal) होता है, अर्थात् सतह टूटने पर चिकनी तथा नतोदर होती हैं, या असम (uneven) हो सकती है।
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| 7. | यह विभंग शंखाभ (conchoidal) होता है, अर्थात् सतह टूटने पर चिकनी तथा नतोदर होती हैं, या असम (uneven) हो सकती है।
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