हंसवन्ती-ये तो सीता का त्याग या शंबुक ऋषि का वध हो गया।
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शंबुक की भाँति कपाटों पर एक केंद्रीभूत होकर वृद्धि के स्तर होते हैं।
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शंबुक की भाँति कपाटों पर एक केंद्रीभूत होकर वृद्धि के स्तर होते हैं।
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हंसवन् ती-ये तो सीता का त् याग या शंबुक ऋषि का वध हो गया।
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उनके बारे में मुझे उतनी ही जानकारी है जितनी एकलव्य, शंबुक के बारे में है।
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किन्तु जब ये इल्ली अवस्था में होते हैं तब ये घोंघे (स्नेल) तथा शंबुक (स्लग) को आहार बनाते हैं।
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किन्तु जब ये इल्ली अवस्था में होते हैं तब ये घोंघे (स्नेल) तथा शंबुक (स्लग) को आहार बनाते हैं।
10.
रामायण, में शंबुक वध, सीता की अग्नि परीक्षा, तुलसीदास का एक दोहा तथा वेदों के दो चार श्लोकों में भारतीय संस्कृति में खोट देखने वालों को समर्थक बस सफाई देते रह जाते हैं।