इस मंदिर की जंघा की उष्णीयसज्जा में कूट-छाद्य शीर्षयुक्त भरणियों और कपोतों का प्रयोग हुआ है, जो गुजरात के मध्यकालीन मंदिरों का एक विशिष्ट लक्षण है।
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पहला, इस मंदिर की जंघा की उष्णीयसज्जा में कूट-छाद्य शीर्षयुक्त भरणियों और कपोतों का प्रयोग हुआ है, जो गुजरात के मध्यकालीन मंदिरों का एक विशिष्ट लक्षण है।