पुष्पों के खिलते ही यह कीट अंदर घुसता है और परागकोशों से पराग एकत्रित कर, इसे एक छोटी गोली के रूप में बनाकर अपनी शृंगिका (
2.
पुष्पों के खिलते ही यह कीट अंदर घुसता है और परागकोशों से पराग एकत्रित कर, इसे एक छोटी गोली के रूप में बनाकर अपनी शृंगिका (antenna) में दबा लेता है।
3.
फिर दौड़कर वह वर्तिकाग्र पर पहुँचता है और शृंगिका में दबाई हुई परागकण की गोली में से कुछ परागकण वर्तिकाग्र पर रखकर अपनी टाँगों द्वारा जितना हो सकता है भीतर दबा देता है।
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फिर दौड़कर वह वर्तिकाग्र पर पहुँचता है और शृंगिका में दबाई हुई परागकण की गोली में से कुछ परागकण वर्तिकाग्र पर रखकर अपनी टाँगों द्वारा जितना हो सकता है भीतर दबा देता है।