| 1. | (मोह से व्याप्त हुए अर्जुन के कायरता, स्नेह और शोकयुक्त
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| 2. | , ॥26 और 27॥ (मोह से व्याप्त हुए अर्जुन के कायरता, स्नेह और शोकयुक्त
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| 3. | संजय उवाच करूणा से व्याप्त, शोकयुक्त अश्रुपूरित नेत्रों वाले अर्जुन को देखकर मधुसूदन कृष्ण ने ये वचन कहे।
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| 4. | सञ्जय बोले-उस प्रकार करुणासे व्याप्त, अश्रुपूर्ण व्याकुल नेत्रोंवाले, तथा शोकयुक्त अर्जुनके प्रति भगवान मधुसूदनने यह वचन कहा ।
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| 5. | शोकयुक्त अशोक अपने ख़ास मित्र और अष्टछाप के प्रमुख स्तम्भ एक सम्पादक का सहारा लेकर लगातार आक्रमण कर रहे है.
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| 6. | आपने अपने अंक में उनको केन्द्र में रखते हुए जो जानकारी दी है, वह बहुत लाभकारी है इस महान आत्मा के लिए मैं शोकयुक्त हूँ।
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| 7. | संजय बोले-उस प्रकार करुणा से व्याप्त और आँसुओं से पूर्ण तथा व्याकुल नेत्रों वाले शोकयुक्त उस अर्जुन के प्रति भगवान मधुसूदन ने यह वचन कहा॥1॥
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| 8. | आपने अपने अंक में उनको केन्द्र में रखते हुए जो जानकारी दी है, वह बहुत लाभकारी है इस महान आत्मा के लिए मैं शोकयुक्त हूँ।
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| 9. | भावार्थ: संजय बोले-उस प्रकार करुणा से व्याप्त और आँसुओं से पूर्ण तथा व्याकुल नेत्रों वाले शोकयुक्त उस अर्जुन के प्रति भगवान मधुसूदन ने यह वचन कहा॥1॥
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| 10. | भावार्थ: संजय बोले-उस प्रकार करुणा से व्याप्त और आँसुओं से पूर्ण तथा व्याकुल नेत्रों वाले शोकयुक्त उस अर्जुन के प्रति भगवान मधुसूदन ने यह वचन कहा॥ 1 ॥
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