का रूझान जिस मान की ओर होता है, उसे उस श्रेढी की सीमा कहते हैं।
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उनके ज्या और कोज्या फलन के श्रेढी विस्तारण को जानने में न्यूटन को इसके बाद 300 वर्ष और लगे थे।
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उनके ज्या और कोज्या फलन के श्रेढी विस्तारण को जानने में न्यूटन को इसके बाद 300 वर्ष और लगे थे।
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उनके ज्या और कोज्या फलन के श्रेढी विस्तारण को जानने में न्यूटन को इसके बाद 300 वर्ष और लगे थे।
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फिर भी जनभाषा के गणित के विद्वानों के ‘ श्रेढी ' तथा ‘ गच्छ ' जैसे प्राकृत शब्दों को लेने में भी कोई संकोच नहीं किया।
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२) किसी श्रेढी की सीमा: किसी श्रेढी का सूचकांक() अनन्त रूप से बडा होने की दशा में उसके पदों() का रूझान जिस मान की ओर होता है, उसे उस श्रेढी की सीमा कहते हैं।
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२) किसी श्रेढी की सीमा: किसी श्रेढी का सूचकांक() अनन्त रूप से बडा होने की दशा में उसके पदों() का रूझान जिस मान की ओर होता है, उसे उस श्रेढी की सीमा कहते हैं।
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२) किसी श्रेढी की सीमा: किसी श्रेढी का सूचकांक() अनन्त रूप से बडा होने की दशा में उसके पदों() का रूझान जिस मान की ओर होता है, उसे उस श्रेढी की सीमा कहते हैं।