| 1. | पद्धाति में अहं का विसर्जन और नि: संगता (
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| 2. | -गौरव संगता नी बात बहुत मामूली है…..
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| 3. | इसी को पाश्चात्य समीक्षापद्धति में अहं का विसर्जन और नि: संगता
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| 4. | कर्तत् व और संगता का भी पूरी तरह अभाव नहीं होता।
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| 5. | इस तरह समूचे मौसम की नि: संगता में, मैं अपने को फिर ज़िन्दा कर लेती हूँ.”
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| 6. | संगता:):) आपकी ही तरह मैं भी काम चला लेती हूँ....
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| 7. | परिस्थिति में आकर्षण न रहना-यह असंगता (नि: संगता) है ।
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| 8. | इस तरह समूचे मौसम की नि: संगता में, मैं अपने को फिर ज़िन्दा कर लेती हूँ.”
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| 9. | आज कल मेरा पोता भी धड़ल्ले से नाम ले कर बुलाता है मुझे.... संगता...
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| 10. | इस तरह समूचे मौसम की नि: संगता में, मैं अपने को फिर ज़िन्दा कर लेती हूँ. ”
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