संचन जी आपका कहना भी सही है और आपकी सोच भी जायज...
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भोज्य पदार्थों के संचन हेतु यह भूमिगत तना का रूपांतर है जिसे घनकंद कहते हैं।
6.
वाले उपासक को (मक्षु) भक्ति की कमाई रूपी धन का ढेर लगवाऐं अर्थात् अत्यधिक नाम कमाई का संचन
7.
अंतःक्षेपी संचन का उपयोग बहुतायत में होता है और इस प्रक्रिया द्वारा छोटे-से-छोटा अवयव से लेकर कारों की सम्पूर्ण शरीर तक बनाया जाता है।
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इधर उधर नज़र दौडा़ई तो सज्ञा से नजरें चार हुईं, बोलीं अरे संचन, कैसी हो? मैने कहा ठीक हूं लेकिन यहां ये फव्वारे क्यों छूट रहे हैं?
9.
(विश्वश्चन्द्रम्) हे सर्व श्रेष्ठ आप (वाताप्यम्) प्राप्त करने योग्य (तारि) उज्जवल (ईन्दो) चन्द्रमा तुल्य शीतल सुखदायक परमात्मा आप (प्र वन्दितुः) शास्त्र अनुकूल सत्य भक्ति करने वाले उपासक को (मक्षु) भक्ति की कमाई रूपी धन का ढेर लगवाऐं अर्थात् अत्यधिक नाम कमाई का संचन करवाऐं।